22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
भारत ने इस हमले का दोष पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों पर मढ़ा और जवाबी कार्रवाई में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले किए।
हालांकि, इस संघर्ष के पीछे एक और परत छिपी हो सकती है। "चीन की भूमिका!" हाल के वर्षों में, विशेष रूप से 2025 में, Apple जैसी कंपनियों ने चीन से हटकर भारत में अपने उत्पादन को बढ़ाया है।
Apple ने भारत में $22 बिलियन मूल्य के iPhones का उत्पादन किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 60% की वृद्धि है।
चीन, जो पाकिस्तान का 'ऑल-वेदर स्ट्रेटेजिक कोऑपरेटिव पार्टनर' है, ने पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का समर्थन किया है ।
यह समर्थन ऐसे समय में आया है जब भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच एक युद्धविराम की घोषणा की गई, लेकिन कुछ ही घंटों में पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन किया, जैसा कि वह हर बार करता है।
इस परिप्रेक्ष्य में, यह सवाल उठता है कि क्या चीन भारत की आर्थिक प्रगति को बाधित करने के लिए पाकिस्तान का उपयोग कर रहा है?
भारत की बढ़ती तकनीकी और विनिर्माण क्षमताएं चीन के लिए चिंता का विषय हो सकती हैं, और क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा करके चीन अपने प्रतिस्पर्धी लाभ को बनाए रखने की कोशिश कर सकता है।
हालांकि प्रत्यक्ष प्रमाणों की कमी है, लेकिन घटनाओं की श्रृंखला और चीन-पाकिस्तान के घनिष्ठ संबंध इस संभावना को बल देते हैं कि चीन इस संघर्ष में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकता है।
भारत को इस संदर्भ में सतर्क रहना होगा और अपनी आर्थिक तथा सुरक्षा नीतियों को इस संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए तैयार करना होगा।
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़