जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों ने मंगलवार को एक बड़ा आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन चलाया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के तीन खूंखार आतंकवादी मार गिराए गए।
यह कार्रवाई शोपियां के शुकरू के घने जंगलों में की गई और इसे ‘ऑपरेशन केलर’ नाम दिया गया।
इस ऑपरेशन में सेना के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने भी हिस्सा लिया।
सुरक्षा एजेंसियों को पक्की सूचना मिली थी कि लश्कर के आतंकी शुकरू जंगल में छिपे हैं।
इसी के आधार पर सेना की राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट ने इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
आतंकियों ने खुद को घिरा देख सुरक्षाबलों पर भारी फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकी मारे गए।
मरने वाले आतंकियों की पहचान भी हो गई है। पहला आतंकी शाहिद अहमद, शोपियां के ही चोटिपोरा हीरपोरा गांव का रहने वाला था। वह मार्च 2023 में लश्कर में शामिल हुआ था। शाहिद 2024 में डेनिश रिज़ॉर्ट फायरिंग, भाजपा सरपंच की हत्या और एक आर्मी जवान की हत्या जैसे संगीन मामलों में शामिल था।
दूसरा आतंकी अदनान शफी डार, मेल्होरा का रहने वाला था। वह 2024 में वाची, शोपियां में एक प्रवासी मजदूर की हत्या में शामिल था। तीसरे आतंकी की पहचान हारिस नजीर के रूप में हुई है। वह पुलवामा का रहने वाला था और पिछले कुछ महीनों से लश्कर के लिए सक्रिय था।
मारे गए आतंकियों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ है।
ऑपरेशन केलर ऐसे समय में अंजाम दिया गया है जब जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात बेहद संवेदनशील बने हुए हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर टूरिस्ट थे।
इसके बाद भारत सरकार ने आतंक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर कूटनीतिक और सैन्य दबाव बढ़ा दिया है।
पहलगाम हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें आतंकी ठिकानों पर भारी हमले किए गए।
जवाब में पाकिस्तान ने भी ड्रोन और गोलाबारी के जरिए भारत में अशांति फैलाने की कोशिश की, जिसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया।
ऑपरेशन केलर यह साबित करता है कि भारत आतंक के खिलाफ किसी भी स्तर तक जाकर कार्रवाई करने को तैयार है।
आतंकवाद को पालने-पोसने वाले पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि ठिकानों को नेस्तनाबूद भी करेगा।
जो आतंकी कश्मीर की ज़मीन पर खून बहाते हैं, उनका हश्र अब मौत ही है।
यह ऑपरेशन न सिर्फ सुरक्षाबलों की ताकत का प्रतीक है, बल्कि उन आतंकियों के लिए चेतावनी है जो पाकिस्तान के इशारे पर भारत में अशांति फैलाने का सपना देखते हैं।
अब उनका सपना ही नहीं, उनका वजूद भी खत्म कर दिया जाएगा।