आसिम मुनीर का फील्ड मार्शल बनना, आतंकवाद को बढ़ावा देना

क्या आसिम मुनीर का फील्ड मार्शल बनना पाकिस्तान में आतंकवाद और तानाशाही को बढ़ावा देगा?

The Narrative World    23-May-2025
Total Views |
Representative Image
 
पाकिस्तान में एक बार फिर सेना ने अपनी ताकत दिखा दी है।
 
सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल की रैंक दे दी गई है।
 
यह खबर 21 मई 2025 को सामने आई, जब पाकिस्तान सरकार ने इस फैसले को मंजूरी दी।
 
यह रैंक देश की सबसे ऊंची सैन्य रैंक है, जो इससे पहले सिर्फ मोहम्मद अयूब खान को 1959 में मिली थी।
 
लेकिन इस खबर ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह प्रमोशन पाकिस्तान में आतंकवाद को और बढ़ावा देगा? क्या यह देश की नाजुक लोकतंत्र को और कमजोर करेगा?
 
आसिम मुनीर का फील्ड मार्शल बनना कोई छोटी बात नहीं है। यह रैंक उन्हें बहुत ज्यादा ताकत देती है।
 
पाकिस्तान के 78 साल के इतिहास में यह दूसरी बार हुआ है कि किसी सेना प्रमुख को यह रैंक दी गई हो।
 
Representative Image
 
पहली बार अयूब खान ने खुद को यह रैंक दी थी और बाद में वे देश के तानाशाह बन गए।
 
उन्होंने 1958 में सत्ता हथिया ली और 1969 तक देश पर राज किया।
 
उनकी तानाशाही ने पाकिस्तान की राजनीति को लंबे समय तक प्रभावित किया।
 
अब आसिम मुनीर को यह रैंक मिलने से डर है कि इतिहास फिर से दोहराया जा सकता है।
 
Representative Image
 
इस प्रमोशन का सबसे बड़ा असर पाकिस्तान की राजनीति पर पड़ेगा। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पहले ही कमजोर स्थिति में हैं।उनकी सरकार को सेना का समर्थन चाहिए होता है।
 
अब मुनीर के फील्ड मार्शल बनने के बाद, शहबाज शरीफ और उनकी सरकार पूरी तरह से सेना की कठपुतली बन सकते हैं।
 
शहबाज ने इस प्रमोशन को मंजूरी दी, लेकिन कई लोग मानते हैं कि यह फैसला उनकी मजबूरी थी।
 
सेना का दबाव इतना ज्यादा है कि वे मना नहीं कर सकते थे।
 
इससे साफ है कि पाकिस्तान में असली ताकत सरकार के पास नहीं, बल्कि सेना के पास है।
 
Representative Image
 
इस प्रमोशन का एक और खतरनाक पहलू है, आतंकवाद से इसका संबंध।
 
आसिम मुनीर का नाम पहले भी आतंकी गतिविधियों से जोड़ा जाता रहा है। हाल ही में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था।
 
इस हमले में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ। कई आतंकी ठिकाने तबाह हो गए और पाकिस्तानी सेना को पीछे हटना पड़ा।
 
लेकिन इसके बावजूद मुनीर को फील्ड मार्शल की रैंक देना हैरान करने वाला है।
 
यह ऐसा लगता है जैसे पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना चाहता है।
 
मुनीर को यह रैंक देकर सेना यह संदेश दे रही है कि आतंकी गतिविधियों को समर्थन मिलता रहेगा।
 
Representative Image 
पाकिस्तान का इतिहास बताता है कि सेना ने हमेशा आतंकवाद को हमेशा बढ़ावा दिया है।
 
इसका मतलब है कि सेना आतंकवाद को रोकने की बजाय उसे बढ़ावा देती है।
 
मुनीर का प्रमोशन इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान में आतंकवाद को लेकर कोई सख्ती नहीं बरती जा रही।
 
Representative Image
 
इससे भारत जैसे पड़ोसी देशों के लिए खतरा बढ़ गया है। भारत को अब और सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि पाकिस्तान की सेना आतंकवाद को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करती है।
 
इस प्रमोशन से साफ है कि पाकिस्तान में सेना की ताकत बढ़ती जा रही है।
 
यह पाकिस्तान की जनता और लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। शहबाज शरीफ की सरकार को चाहिए कि वह सेना के दबाव से बाहर निकले और देश को सही दिशा में ले जाए।
 
लेकिन मुनीर के फील्ड मार्शल बनने के बाद ऐसा होना मुश्किल लगता है।
यह प्रमोशन न सिर्फ पाकिस्तान की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि आतंकवाद को भी बढ़ावा देगा, और ये एक पक्का संकेत है!
 
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़