भारत ने पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका दिया है। अब पाकिस्तान के झंडे वाले किसी भी जहाज को भारत के किसी भी बंदरगाह पर आने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
इसके साथ ही भारत के भी किसी जहाज को पाकिस्तान के बंदरगाह पर जाने की मनाही कर दी गई है।
ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए।
इस हमले का जिम्मेदार भारत ने पाकिस्तान को ठहराया है और तब से लगातार उसे घेरने में लगा है।
भारत के जहाजरानी महानिदेशालय ने 3 मई को इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें साफ लिखा गया है कि किसी भी पाकिस्तानी जहाज को भारत में घुसने की इजाजत नहीं होगी। और भारत के जहाज भी अब पाकिस्तान नहीं जा सकेंगे।
ये फैसला जनता के हित, सुरक्षा और देश की संपत्तियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
इस आदेश को मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 1958 की धारा 411 के तहत लागू किया गया है।
ये नियम तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं और अगले आदेश तक चलते रहेंगे।
इससे पहले भारत सरकार ने पाकिस्तान से होने वाले सभी आयात और पारगमन को भी पूरी तरह बंद कर दिया था।
वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और जनहित से जुड़ा मामला बताया।
पिछले कुछ दिनों में भारत ने पाकिस्तान पर कई सख्त कदम उठाए हैं। पाकिस्तानियों के वीजा रद्द कर दिए गए, सिंधु जल संधि को भी रोक दिया गया और सीमाओं पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। अब समुद्री व्यापार पर भी रोक लगा दी गई है।
स्पष्ट है कि पहलगाम में जो हमला हुआ, वह भारत की सहनशीलता की सीमा लांघ गया था। और अब भारत उसी भाषा में जवाब दे रहा है।
पाकिस्तान को यह समझ आ जाना चाहिए कि अब भारत हर मोर्चे पर उसे घेरने और झुकाने का दम रखता है।
भारत का ये कदम बताता है कि अब सिर्फ बातें नहीं होंगी, जवाब भी मिलेगा, "वो भी कड़ा और हर दिशा से!"