भारत आज विश्व अर्थव्यवस्था में अपनी मजबूत पहचान बना रहा है। साथ ही वह देश के अंदर और बाहर आतंकवाद से भी सख्ती से निपट रहा है।
एक तरफ भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ वह नक्सलवाद और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद जैसे खतरों को खत्म करने में भी पीछे नहीं हट रहा।
यह दोनों काम एक साथ करना भारत की ताकत को दिखाता है।
पिछले कुछ सालों में भारत की अर्थव्यवस्था ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। 2025 में भारत का जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है।
यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी वायरल हो रही है। भारत अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कदमों ने भारत को निवेश का बड़ा केंद्र बनाया है।
विदेशी कंपनियां भारत में कारखाने खोल रही हैं। टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत ने तेजी से तरक्की की है।
आज भारत के यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है। यह सब भारत की आर्थिक ताकत को बढ़ा रहा है।
भारत ने ग्लोबल साउथ मूवमेंट की शुरुआत करके पश्चिमी देशों को भी साफ संदेश दिया है कि वह अपनी शर्तों पर आगे बढ़ेगा।
लेकिन भारत की यह तरक्की आतंकवाद के खतरों से मुक्त नहीं है। देश के अंदर नक्सलवाद और बाहर से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद भारत के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
फिर भी भारत दोनों मोर्चों पर मजबूती से लड़ रहा है। देश के अंदर नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।
21 मई 2025 को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में 27 नक्सलियों को मार गिराया गया।
इनमें नक्सल संगठन का सबसे बड़ा नेता बासवराजू भी शामिल था। यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी जीत थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक भारत से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
पिछले कुछ सालों में नक्सल प्रभावित इलाकों की संख्या 126 से घटकर 18 रह गई है।
सरकार ने नक्सल इलाकों में सड़कें, स्कूल और अस्पताल बनाकर लोगों का भरोसा जीता है।
देश के बाहर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद भी भारत के लिए बड़ी चुनौती है।
कई दशकों से पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकी संगठनों को मदद दे रही है।
लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन भारत में हमले करते रहे हैं।
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए।
इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
भारत ने साफ कर दिया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए।
भारत ने कूटनीति के जरिए भी पाकिस्तान को घेरा है। मई 2025 में भारत ने 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे।
इनमें सांसद बैजयंत जय पांडा और शशि थरूर जैसे नेता शामिल थे। इन्होंने दुनिया को बताया कि कैसे पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
भारत ने सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मंच पर भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह ने पाकिस्तान के झूठ को सबके सामने लाकर रख दिया। भारत की इन कोशिशों से पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है।
भारत आज एक मिसाल बन रहा है। वह अर्थव्यवस्था में अपनी ताकत दिखा रहा है और आतंकवाद के खिलाफ भी मजबूती से लड़ रहा है।
यह दोनों काम एक साथ करना आसान नहीं है, लेकिन भारत इसे बखूबी कर रहा है।
आने वाले समय में भारत न सिर्फ आर्थिक महाशक्ति बनेगा, बल्कि आतंकवाद मुक्त देश के रूप में भी अपनी पहचान बनाएगा।
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़