भारत ने दिखाया इंजीनियरिंग का चमत्कार, कश्मीर को मिली नई रेल पहचान

चिनाब ब्रिज के उद्घाटन से कटरा-श्रीनगर सफर हुआ आसान, कश्मीर को मिली देश से जुड़ने की नई ऊंचाई।

    11-Jun-2025
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जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 6 जून 2025 को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज—चिनाब ब्रिज—का उद्घाटन किया।

यह शानदार संरचना, जो चिनाब नदी के ऊपर 359 मीटर की ऊंचाई पर खड़ी है, न केवल भारतीय रेलवे की इंजीनियरिंग ताकत का प्रतीक है, बल्कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का एक क्रांतिकारी कदम भी है।

इस ब्रिज के जरिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ, जिसने कटरा से श्रीनगर के बीच सफर को आसान और तेज कर दिया।

यह उद्घाटन समारोह जम्मू-कश्मीर में हाल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी की पहली यात्रा के दौरान हुआ, जिसने इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।

चिनाब ब्रिज उद्धमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, जिसकी लागत 43,780 करोड़ रुपये है।

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यह 272 किलोमीटर लंबी परियोजना 36 सुरंगों और 943 पुलों के साथ एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, जो कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ने का सपना पूरा करती है।

शुक्रवार, 6 जून 2025 को, पीएम मोदी ने कटरा रेलवे स्टेशन से दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, जो कटरा से श्रीनगर के बीच चलेंगी।

इस ब्रिज की ऊंचाई एफिल टावर से 35 मीटर अधिक है, और इसे भूकंपीय क्षेत्र पांच की चुनौतियों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है, जहां 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाएं भी इसे हिला नहीं सकतीं।

यह उद्घाटन न केवल रेल कनेक्टिविटी में क्रांति लाएगा, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा।

इस ब्रिज की खासियतें इसे दुनिया भर में चर्चा का विषय बना रही हैं। 1,315 मीटर लंबा यह स्टील आर्च ब्रिज दो पहाड़ों के बीच चिनाब नदी पर बना है, जहां तेज हवाओं के कारण विंड टनल प्रभाव देखा जाता है।

इसे 8 तीव्रता के भूकंप और विस्फोटों का सामना करने के लिए बनाया गया है, जो इसे एक अभेद्य संरचना बनाता है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उद्घाटन समारोह में कहा, “चिनाब ब्रिज सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत है, जो भारतीय रेलवे की ताकत और इंजीनियरिंग की उत्कृष्टता को दर्शाता है। यह कश्मीर को देश से जोड़ने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”

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उन्होंने यह भी बताया कि इस परियोजना में 119 किलोमीटर लंबी 36 सुरंगें शामिल हैं, जो इसकी जटिलता और महत्व को दर्शाती हैं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी इस समारोह में मौजूद थे, जिन्होंने इस उपलब्धि को क्षेत्र के विकास के लिए एक मील का पत्थर बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “चिनाब ब्रिज भारत की इंजीनियरिंग शक्ति का प्रतीक है, जो दुनिया को दिखाता है कि हम असंभव को संभव कर सकते हैं। यह ब्रिज कश्मीर के लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, जो अब देश के हर कोने से तेजी से जुड़ सकेंगे।”

उन्होंने हाल के पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा, “पहलगाम में हुआ हमला न केवल इंसानियत, बल्कि कश्मीरियत पर भी हमला था। हम ऐसी ताकतों को कभी माफ नहीं करेंगे।”

पीएम की इस टिप्पणी ने समारोह में एक सनसनीखेज मोड़ ला दिया, जिसने सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर खूब सुर्खियां बटोरीं।

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ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी ने उद्घाटन से पहले वंदे भारत ट्रेन में स्कूली बच्चों और रेलवे कर्मचारियों से मुलाकात की, जिसने इस आयोजन को और खास बना दिया।

चिनाब ब्रिज का निर्माण कोई आसान काम नहीं था। इसे बनाने में 20 साल से अधिक का समय लगा, और इस दौरान इंजीनियरों को भूकंप, तेज हवाओं और दुर्गम इलाकों की चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

यह ब्रिज न केवल कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

रियासी और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने पीएम की यात्रा से पहले कड़ी चौकसी बरती, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।

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एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि पीएम मोदी ने तिरंगा लेकर चिनाब ब्रिज पर कदम रखा, जिसे चीन और पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह ब्रिज जम्मू-कश्मीर के आर्थिक और सामाजिक विकास में क्रांति लाएगा। स्थानीय लोगों में भी उत्साह है।
कटरा के एक दुकानदार, रमेश कुमार ने कहा, “यह ब्रिज और ट्रेन हमारे लिए वरदान है। अब श्रीनगर जाना आसान होगा, और पर्यटक भी ज्यादा आएंगे।”


चिनाब ब्रिज का उद्घाटन भारत के लिए एक गर्व का पल है, जो इंजीनियरिंग और दृढ़ संकल्प की मिसाल है।

यह कश्मीर को देश से जोड़ने का एक सपना पूरा करता है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाता है कि क्या सरकार इस कनेक्टिविटी का पूरा फायदा क्षेत्र के विकास के लिए उठा पाएगी।

आने वाले दिन दिखाएंगे कि यह ब्रिज कश्मीर की तकदीर को कितना बदलता है, लेकिन अभी यह निश्चित है कि चिनाब ब्रिज ने भारत को दुनिया के सामने एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।