मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई बड़ी मुठभेड़ में जवानों ने चार खूंखार नक्सलियों को ढेर कर दिया है।
मारे गए नक्सलियों में तीन महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। सभी पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में लाखों रुपये का इनाम घोषित था।
यह मुठभेड़ शनिवार को बालाघाट के पचामा दादर के पहाड़ी इलाके में हुई थी।
तीन नक्सलियों के शव उसी दिन बरामद कर लिए गए थे, जबकि एक अन्य नक्सली का शव आज यानी रविवार को सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान मिला।
पूरे इलाके में अब भी सर्चिंग अभियान जारी है।
सुरक्षाबलों ने मौके से भारी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद की है।
जब्त किए गए सामान में एक ग्रेनेड लॉन्चर, दो एसएलआर राइफल, एक 315 बोर की राइफल, सैकड़ों की संख्या में कारतूस, वॉकी टॉकी और नक्सल साहित्य शामिल हैं।
इससे साफ है कि नक्सली किसी बड़ी साजिश की तैयारी में थे, लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी ने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया।
यह मुठभेड़ नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रही कार्रवाई का अहम हिस्सा है।
बालाघाट लंबे समय से नक्सली गतिविधियों से प्रभावित रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षाबलों ने वहां के हालात काफी हद तक नियंत्रित किए हैं।
हालिया कार्रवाई न केवल नक्सलियों के नेटवर्क को बड़ा झटका है, बल्कि यह भी साबित करता है कि अब सरकार और सुरक्षा एजेंसियां नक्सल आतंक को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
नक्सली, जो खुद को आम लोगों का हितैषी बताकर जंगलों में आतंक फैला रहे थे, दरअसल देश की आंतरिक सुरक्षा के सबसे बड़े दुश्मन हैं। इनका असली चेहरा अब सामने आ रहा है।
यह मुठभेड़ दिखाती है कि अब सुरक्षाबल नक्सलियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दे रहे हैं।
इस कार्रवाई से उन लोगों को भी सख्त संदेश गया है जो नक्सल विचारधारा को सही ठहराते हैं या उसका परोक्ष समर्थन करते हैं।
सरकार की नीति स्पष्ट है – हिंसा और आतंक के रास्ते पर चलने वालों के लिए देश में कोई जगह नहीं है।
बालाघाट की पहाड़ियों में नक्सल सफाया एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
जब तक हर जंगल से नक्सल आतंक का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता, सुरक्षाबलों की यह मुहिम जारी रहेगी।