प्रोजेक्ट विष्णु की सफलता, भारत ने बनाई नई हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ET-LDHCM

ब्रह्मोस से तीन गुना तेज ET-LDHCM मिसाइल का परीक्षण जल्द, स्क्रैमजेट तकनीक से लैस यह मिसाइल हर मोर्चे पर करेगी वार!

The Narrative World    19-Jun-2025
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भारत अब एक और बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। देश की सबसे घातक और तेज रफ्तार मिसाइल का परीक्षण जल्द ही किया जाएगा।
 
इस मिसाइल का नाम है ET-LDHCM (एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी–लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल)। इसे DRDO ने अपने गुप्त मिशन ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ के तहत तैयार किया है।
 
इसकी ताकत इतनी जबरदस्त है कि यह ब्रह्मोस मिसाइल से तीन गुना तेज और तीन गुना ज्यादा दूरी तक मार करने में सक्षम है।
 
तीन गुना रफ्तार, तीन गुना दूरी
 
ब्रह्मोस की अधिकतम रफ्तार जहां मैक–3 (3700 किमी प्रति घंटा) है, वहीं ET-LDHCM की रफ्तार मैक–8 यानी लगभग 11,000 किमी प्रति घंटा तक है।
 
यह मिसाइल 1500 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को कुछ ही मिनटों में तबाह कर सकती है।
 
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इससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक है।
 
अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही इस लिस्ट में थे।
 
नई तकनीक से लैस, दुश्मन के रडार को देगी मात
 
ET-LDHCM हवा में सांस लेने वाली स्क्रैमजेट इंजन तकनीक से चलती है।
 
यानी इसे उड़ने के लिए भारी ऑक्सीजन टैंक की जरूरत नहीं होती।
 
यह वातावरण से ही ऑक्सीजन लेकर चलती है।
 
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इससे मिसाइल हल्की रहती है और रफ्तार भी तेज हो जाती है।
 
इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बहुत नीचे उड़ती है। इसलिए रडार इसे पकड़ नहीं पाता।
 
उड़ते समय दिशा भी बदल सकती है, जिससे दुश्मन की एयर डिफेंस प्रणाली को चकमा दे सकती है।
 
यह परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है, जिनका वजन 1000 से 2000 किलो तक हो सकता है।
 
थल, जल, नभ में हर जगह से हमला करने में सक्षम
 
ET-LDHCM को जमीन से, समंदर से और आसमान से लॉन्च किया जा सकता है।
 
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यानी यह मिसाइल हर मोर्चे पर काम आ सकती है। इससे दुश्मन के कमांड सेंटर, बंकर, रडार स्टेशन और युद्धपोत को सटीकता से निशाना बनाया जा सकता है।
 
भारत के लिए यह चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के खिलाफ एक मजबूत हथियार साबित होगा।
 
सिर्फ युद्ध नहीं, विकास में भी देगा योगदान
 
इस मिसाइल को तैयार करने में जो हाइपरसोनिक तकनीकें इस्तेमाल की गई हैं, वे सिर्फ सेना में ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष, आपदा प्रबंधन और रक्षा निर्माण के क्षेत्र में भी काम आ सकती हैं।
 
इससे देश में नई नौकरियां पैदा होंगी और घरेलू उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
 
भारत की यह नई मिसाइल न सिर्फ दुश्मनों के लिए खतरा बनेगी, बल्कि देश की तकनीकी और रणनीतिक ताकत का भी प्रतीक बनेगी।
अब भारत पूरी दुनिया को दिखा रहा है कि हम न केवल रक्षा कर सकते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर जवाब भी दे सकते हैं, वो भी सबसे तेज और सटीक तरीके से।
 
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़