छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
अबूझमाड़ के घने जंगलों में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें दो महिला नक्सली ढेर कर दी गईं।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक माओवादियों के माड़ डिवीजन की गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद नारायणपुर और कोंडागांव जिले की DRG और STF की संयुक्त टीम को जंगल में रवाना किया गया था।
बुधवार शाम को सर्चिंग के दौरान जब टीम जंगल में आगे बढ़ रही थी, तभी नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी।
जवानों ने भी पूरी तैयारी के साथ जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ में दो महिला नक्सलियों को मार गिराया।
घटनास्थल से एक इंसास राइफल, एक 315 बोर राइफल और नक्सलियों का अन्य सामान बरामद किया गया है।
इससे साफ है कि नक्सली बड़ी हिंसा की योजना बना रहे थे, लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से उनका मंसूबा विफल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि अभियान अभी भी जारी है और क्षेत्र में सघन तलाशी की जा रही है ताकि बचे हुए नक्सलियों को पकड़ा जा सके या खत्म किया जा सके।
यह मुठभेड़ साबित करती है कि सुरक्षाबलों की कार्रवाई अब सिर्फ बचाव तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब वे नक्सलियों को उनके ही इलाके में ढूंढ़कर खत्म कर रहे हैं।
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए लगातार सख्त कदम उठा रही हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा।
इसी लक्ष्य के तहत राज्य के कई जिलों में एंटी नक्सल ऑपरेशन चल रहा है और इसका असर भी साफ नजर आ रहा है।
अब नक्सली न सिर्फ मारे जा रहे हैं, बल्कि बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं।
अबूझमाड़ जैसी घटनाएं यह दिखाती हैं कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
सुरक्षाबलों का आत्मविश्वास और रणनीतिक बढ़त इस बात का संकेत है कि देश नक्सली आतंक से जल्द ही पूरी तरह मुक्त होगा।