बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान: 7 माओवादी ढेर, सुधाकर और भास्कर समेत बड़े नक्सली मारे गए

बीजापुर के नेशनल पार्क क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान में 7 माओवादी मारे गए, जिनमें सुधाकर और भास्कर जैसे बड़े नेता शामिल हैं। सुरक्षा बलों ने हथियारों का जखीरा बरामद किया, लेकिन क्या यह नक्सलवाद का अंत है?

The Narrative World    07-Jun-2025   
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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नेशनल पार्क क्षेत्र में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। 5 से 7 जून 2025 के बीच हुई विभिन्न मुठभेड़ों में अब तक 7 माओवादी कैडर मारे गए हैं, जिनमें सेंट्रल कमेटी सदस्य (सीसीएम) सुधाकर उर्फ गौतम और तेलंगाना राज्य कमेटी (टीएससी) सदस्य भास्कर शामिल हैं। इस अभियान से नक्सलवाद को गहरा झटका लगा है।


यह अभियान बीजापुर के घने जंगलों में 5 जून को शुरू हुआ, जब सुरक्षा बलों को खुफिया जानकारी मिली कि कई शीर्ष नक्सली इस क्षेत्र में मौजूद हैं। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तुरंत ऑपरेशन शुरू किया। 5 जून को पहली मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकर उर्फ गौतम मारा गया। अगले दिन, 6 जून को तेलंगाना राज्य कमेटी के सदस्य भास्कर को मार गिराया गया। इसके बाद 6 और 7 जून की दरमियानी शाम को हुई मुठभेड़ों में तीन अन्य नक्सली मारे गए। 7 जून को दो और नक्सली शव बरामद किए गए, जिसके साथ मारे गए नक्सलियों की संख्या 7 पहुँच गई।


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बरामद शवों में दो अज्ञात महिला नक्सली और तीन अज्ञात पुरुष नक्सली शामिल हैं। पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी. ने बताया, "हम इन अज्ञात नक्सलियों की पहचान स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह अभियान नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका है।" मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया, जिसमें दो एके-47 राइफलें, कई पिस्तौलें, और भारी मात्रा में विस्फोटक शामिल हैं।


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सुधाकर और भास्कर माओवादी संगठन के प्रमुख आतंकी थे। सुधाकर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का प्रभारी था और पिछले 40 सालों से नक्सलवाद में सक्रिय था। उसने कई बड़े हमलों की योजना बनाई थी, जिनमें 2018 का सुकमा आईईडी हमला शामिल है। भास्कर तेलंगाना क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों को संचालित करता था और उसे संगठन का एक कुशल रणनीतिकार माना जाता था। इन दोनों की मौत से नक्सलियों का नेतृत्व कमज़ोर होने की संभावना है।


इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कुछ जवानों को सर्पदंश, मधुमक्खी के डंक, डिहाइड्रेशन, और अन्य अभियान संबंधी कारणों से चोटें आईं। हालांकि, सभी को तुरंत चिकित्सकीय सहायता दी गई, और उनकी स्थिति अब स्थिर है। सुंदरराज पी. ने कहा, "हमारे जवान जंगल की कठिन परिस्थितियों में भी पूरी ताकत से लड़ रहे हैं। उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।"


वर्तमान में आसपास के जंगल क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन और एरिया डॉमिनेशन अभियान जारी है। सुरक्षा बलों का लक्ष्य शेष नक्सलियों को खोजकर पूरे क्षेत्र को सुरक्षित करना है। इस अभियान से पहले भी बीजापुर में कई बड़े ऑपरेशन हुए हैं। 14 मई 2025 को ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में 31 नक्सली मारे गए थे। यह लगातार सफलताएँ नक्सलवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश दे रही हैं।

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