इस्लामिक कन्वर्जन रैकेट और बायो-जिहाद : इंदौर में हिंदू ट्रांसजेंडरों पर HIV हमले का खुलासा

16 Jul 2025 13:50:52

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मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है, जहां हिंदू ट्रांसजेंडर समुदाय ने मुस्लिम ट्रांसजेंडरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के मुताबिक, हिंदू ट्रांसजेंडरों को इस्लाम में धर्मांतरण से इनकार करने पर जानबूझकर HIV से संक्रमित सिरिंजों से इंजेक्शन दिए गए।


यह घटना 14 जुलाई 2025 को नंदलालपुरा इलाके में उजागर हुई, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया और स्थानीय प्रशासन को विशेष जांच टीम (SIT) गठित करनी पड़ी। यह मामला न केवल एक आपराधिक साजिश की ओर इशारा करता है, बल्कि इस्लामिक जिहाद और जबरन धर्मांतरण के रैकेट का एक नया और खतरनाक रूप दर्शाता है, जो भारत की सामाजिक सौहार्द को चुनौती दे रहा है।


इस घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। हिंदू ट्रांसजेंडर समुदाय की प्रतिनिधि सपना गुरु ने मीडिया को बताया कि मालेगांव से आए मुस्लिम ट्रांसजेंडर, जिनमें पायल उर्फ नईम अंसारी शामिल हैं, ने उनके समुदाय पर दबाव बनाया कि वे इस्लाम कबूल करें। इनकार करने पर उन्हें कथित तौर पर HIV से संक्रमित सिरिंजों से निशाना बनाया गया, जिससे 60 से अधिक लोग संक्रमित हो गए और 12 को एमवाय अस्पताल के ART सेंटर में भर्ती कराना पड़ा।


इस मामले में वकील सचिन सोनकर ने शीर्ष अधिकारियों, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास वीडियो सबूत हैं, जो इस साजिश को उजागर करते हैं।


स्थानीय पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए SIT का गठन किया, जिसका नेतृत्व डीसीपी रिषिकेश मीना कर रहे हैं। जांच के शुरुआती चरण में पुलिस ने इस मामले को सामुदायिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना है।


पीड़ितों में से एक साकिना ने प्रदर्शन और आत्महत्या की धमकी देकर पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए, जिसके बाद कार्रवाई तेज हुई। पीड़ितों के स्वास्थ्य परीक्षण और फोरेंसिक विश्लेषण जारी हैं।


यह पहली बार नहीं है जब इस्लामिक कन्वर्जन रैकेट ने देश में सिर उठाया है। पिछले कुछ वर्षों में 'लव जिहाद', 'लैंड जिहाद' और अब 'बायो-जिहाद' जैसी गतिविधियों ने सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश की है।


विशेषज्ञों का मानना है कि ये रैकेट न केवल धार्मिक उन्माद फैलाते हैं, बल्कि मानवाधिकारों का भी गला घोंटते हैं। ट्रांसजेंडर समुदाय, जो पहले से ही सामाज से दूरी का शिकार है, अब जिहादी मानसिकता का निशाना बन रहा है, जो निंदनीय है।


इंदौर की यह घटना इस बात का संकेत देती है कि कट्टरपंथी तत्व अब जैविक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो आतंकवाद का नया रूप हो सकता है। सोशल मीडिया पर इस घटना ने भारी प्रतिक्रिया जताई है, जहां यूजर्स ने इसे 'इंसानियत पर हमला' करार दिया है। एक यूजर ने ट्वीट किया, "पहले लव जिहाद, अब बायो जिहादक्या अगला कदम वैक्सीन जिहाद होगा? कानून को सख्ती से लागू करने का समय आ गया है।"


अगर ये आरोप सही पाए गए, तो यह न केवल एक अपराध, बल्कि जैविक आतंकवाद का मामला होगा, जिसकी सजा मृत्युदंड तक होनी चाहिए। पीड़ितों को न केवल न्याय, बल्कि चिकित्सा सहायता और सुरक्षा भी चाहिए। सरकार को इस रैकेट के खिलाफ कठोर कानून बनाना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


इंदौर की यह घटना इस्लामिक कन्वर्जन रैकेट और जिहाद की नई साजिशों का एक डरावना उदाहरण है। यह मानवता के खिलाफ अपराध है, जिसके लिए दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। सरकार और समाज दोनों को मिलकर इस बुराई का सफाया करना होगा, ताकि ट्रांसजेंडर समुदाय सहित हर नागरिक सुरक्षित महसूस कर सके। यह समय सख्त कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता का है, नहीं तो ये जिहादी ताकतें हमारे देश के ताने-बाने को और कमजोर कर देंगी।

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