CM की कुर्सी से 'घोटाले' की कमान? बघेल पर अब सीधा शक

18 Jul 2025 13:40:22
Representative Image
 
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की परतें जैसे-जैसे खुलती जा रही हैं, जांच की सुई अब सीधे उस चेहरे की ओर घूम गई है जो कभी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा था। 18 जुलाई की सुबह ईडी ने भूपेश बघेल के भिलाई-3 स्थित घर पर दबिश देकर यह साफ कर दिया कि अब जांच सिर्फ उनके बेटे तक सीमित नहीं रह गई है।
 
ईडी की टीम सुबह 6.30 बजे तीन गाड़ियों में पहुंची। सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान थे। जिस दिन विधानसभा का सत्र खत्म हो रहा था और बघेल एक और राजनीतिक मुद्दा उठाने वाले थे, उसी दिन जांच एजेंसी ने उनके दरवाज़े पर दस्तक दी।
 
शराब घोटाले में ईडी को शक है कि 2019 से 2023 के बीच बघेल की सरकार में एक पूरा समानांतर सिस्टम खड़ा किया गया। इस सिस्टम में नेता, अफसर और आबकारी विभाग के लोग शामिल थे। नकली होलोग्राम और बिना रजिस्ट्रेशन वाली शराब से सरकारी खजाने को 2100 से 3200 करोड़ रुपये का चूना लगा।
 
Representative Image
 
यह भी पढ़ें: नक्सलियों का सूरज अस्त, अब बस्तर में छोटे गुटों में सिमटकर घुलने की कोशिश
 
अब सवाल ये नहीं कि घोटाला हुआ या नहीं, बल्कि ये है कि क्या भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए इस पूरे रैकेट को चलाने में कोई भूमिका निभाई? ईडी को पहले से मिले दस्तावेज और जब्त की गई डिजिटल डिवाइस से कुछ अहम सुराग मिले हैं। मार्च 2025 में भी उनके और करीबियों के 14 ठिकानों पर छापेमारी हुई थी, जिसमें कैश और जरूरी दस्तावेज बरामद हुए थे।
ईडी ने कहा कि उन्हें कुछ "नई जानकारी" मिली है, जिसके आधार पर यह कार्रवाई जरूरी हो गई। वहीं बघेल ने सोशल मीडिया पर “ईडी आ गई” लिखकर इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और केंद्र सरकार पर हमला बोला।
 
लेकिन अब जनता भी पूछ रही है कि जब सबूत सामने हैं, करोड़ों का नुकसान साबित हो रहा है, तो क्या सिर्फ साजिश कह देने से मामला दब जाएगा? क्या सच में एक पूर्व मुख्यमंत्री घोटाले का मास्टरमाइंड साबित होगा?
Powered By Sangraha 9.0