सीमा की रक्षा में नया पराक्रम: इस महीने आएंगे अपाचे हेलिकॉप्टर, पाकिस्तान बॉर्डर पर बढ़ेगी ताकत

पाकिस्तान सीमा पर बढ़ेगी सेना की ताकत, अपाचे हेलिकॉप्टर से ऊंचाई वाले इलाकों में भी दुश्मन पर सटीक और तेज हमला मुमकिन होगा।

The Narrative World    04-Jul-2025
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भारत की रक्षा ताकत में इस महीने एक बड़ा इजाफा होने जा रहा है। लंबे इंतजार के बाद भारतीय सेना को अमेरिका से अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर मिलने जा रहे हैं। ये हेलिकॉप्टर पाकिस्तान सीमा पर सेना की मारक क्षमता को और मजबूत करेंगे। सूत्रों के अनुसार, पहली खेप इसी महीने भारतीय सेना को मिल सकती है।
 
2020 में हुए 600 मिलियन डॉलर के समझौते के तहत भारतीय सेना को 6 अपाचे AH-64E हेलिकॉप्टर मिलने हैं। पहले ये हेलिकॉप्टर मई-जून 2024 में आने थे, लेकिन तकनीकी कारणों और आपूर्ति शृंखला में रुकावटों के कारण अब तक नहीं आ सके थे। अब उम्मीद है कि इस महीने तीन हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे, जबकि बाकी तीन इस साल के अंत तक भारत पहुंचेंगे।
 
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भारतीय सेना ने मार्च 2024 में जोधपुर में अपना पहला अपाचे स्क्वाड्रन तैयार कर लिया था। लेकिन हेलिकॉप्टर न मिलने के कारण यह यूनिट अब तक केवल नाम की रह गई थी। अब जब पहली खेप आने को तैयार है, तो यह यूनिट पूरी तरह से ऑपरेशनल हो सकेगी।
 
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पश्चिमी सीमा पर सेना ने अपनी तैयारियों को और मजबूत किया है। अपाचे हेलिकॉप्टर इस रणनीति में अहम भूमिका निभाएंगे। इनमें अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, टारगेटिंग सेंसर्स और रात में भी हमला करने की क्षमता है। ये हेलिकॉप्टर दुश्मन की सीमा के भीतर जाकर सटीक वार कर सकते हैं।
 
भारतीय वायुसेना पहले ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर इस्तेमाल कर रही है। लेकिन सेना को ये ताकत पहली बार मिलने जा रही है। इनका उपयोग जमीन पर लड़ाई में सैनिकों को हवाई समर्थन देने में किया जाएगा।
 
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भारतीय सेना का एविएशन कॉर्प्स कई अहम हेलिकॉप्टर और विमानों से लैस है। इनमें शामिल हैं:
 
ध्रुव हेलिकॉप्टर – स्वदेशी हल्का हेलिकॉप्टर, जिसका उपयोग ट्रांसपोर्ट, खोज और राहत कार्यों में किया जाता है।
 
रुद्र – ध्रुव का हथियारों से लैस संस्करण, जो टैंक-रोधी और निकटवर्ती युद्ध में कारगर है।
 
लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) – ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हमले के लिए खासतौर पर तैयार किया गया हेलिकॉप्टर।
 
चेतक और चीता – हल्के उपयोग वाले हेलिकॉप्टर, जो निगरानी और मरीजों को ले जाने जैसे काम में आते हैं।
 
डॉर्नियर 228 – हल्का फिक्स्ड-विंग विमान, जिसका इस्तेमाल निगरानी और संचार में होता है।
 
हेरॉन और सर्चर UAVs – दुश्मन पर नजर रखने के लिए ड्रोन, जो लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं।
 
Mi-17 हेलिकॉप्टर – सैनिकों और सामान को ले जाने में उपयोगी मिडियम-लिफ्ट हेलिकॉप्टर।
 
 
अपाचे हेलिकॉप्टर के आने से सेना को ऊंचे और दुर्गम इलाकों में दुश्मन पर तेजी से और सटीक हमला करने की ताकत मिलेगी। यह खासकर पाकिस्तान की ओर से होने वाली घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद करेगा।
 
भारत अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, आक्रामक रणनीति की ओर बढ़ रहा है। अपाचे जैसे घातक हेलिकॉप्टर हमारी सेना को वह शक्ति देंगे, जिससे हम न सिर्फ अपनी सीमाएं सुरक्षित रख सकें, बल्कि दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब भी दे सकें। यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान की भावना के साथ देश को और सशक्त बनाएगा।
अब सेना की हर उड़ान में होगी ताकत, दुश्मन की हर साजिश पर पड़ेगा कहर।
 
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़