पाकिस्तान खुद को मजबूत बताने की कोशिश करता है, लेकिन सच्चाई यह है कि उसकी ताकत अब चीन की बैसाखियों पर टिकी हुई है। हाल ही में पाकिस्तान ने अपनी तीसरी हैंगर-क्लास पनडुब्बी का शुभारंभ किया। सुनने में तो यह उपलब्धि लगती है, लेकिन असलियत यह है कि यह पनडुब्बी पूरी तरह चीन में बनी है।
इसी तरह जुलाई में पाकिस्तान ने रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट लॉन्च किया था, पर वह भी चीन के लॉन्च सेंटर से ही हुआ। साफ है कि पाकिस्तान के पास न तो रक्षा ढांचा है, न तकनीक और न ही अंतरिक्ष कार्यक्रम संभालने की क्षमता। हर क्षेत्र में उसे चीन का सहारा लेना पड़ रहा है।
पाकिस्तान की रक्षा व्यवस्था पूरी तरह चीन के भरोसे है। पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान के 81 फीसदी हथियार चीन से आए। चीन ने उसे करीब 8.2 बिलियन डॉलर के हथियार बेचे। पहले पाकिस्तान पश्चिमी देशों से भी हथियार लेता था, लेकिन अब पूरी तरह चीन की गोद में बैठ चुका है।
चीन ने पाकिस्तान को लड़ाकू जेट, मिसाइल, पनडुब्बी और रडार सिस्टम मुहैया कराया। इतना ही नहीं, दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी का भी आदान-प्रदान होता है। पाकिस्तान के पास जो भी पश्चिमी तकनीक की झलक होती है, वह सीधे चीन तक पहुंचा दी जाती है। यानी पाकिस्तान केवल ग्राहक नहीं, बल्कि जासूस की भूमिका भी निभा रहा है।
मई 2025 में भारत-पाक संघर्ष के दौरान चीन निर्मित J-10C लड़ाकू विमान और अन्य हथियारों का इस्तेमाल हुआ। पाकिस्तान ने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की, लेकिन सबको साफ दिखा कि उसकी पूरी रक्षा क्षमता चीन पर निर्भर है। यह लड़ाई चीन के हथियारों की मार्केटिंग बनकर रह गई। पाकिस्तान अब और उन्नत चीनी हथियार खरीदने की तैयारी में है।
सिर्फ सैन्य क्षेत्र ही नहीं, पाकिस्तान का अंतरिक्ष कार्यक्रम भी चीन की पकड़ में है। रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट से लेकर तकनीकी मदद तक सब चीन के हाथ में है। पाकिस्तान तकनीकी आजादी पूरी तरह गंवा चुका है। चाहे पनडुब्बी हो, लड़ाकू विमान हो या उपग्रह – हर जगह ड्रैगन का कब्जा है।
सच यही है कि पाकिस्तान अब अपनी सुरक्षा का ख्याल भी चीन के बिना नहीं रख सकता। हथियार, अंतरिक्ष और तकनीक – हर जगह वह ड्रैगन की गोद में समा चुका है। जो मुल्क कभी खुद को इस्लामी ताकत बताता था, आज चीन के रहम पर जिंदा है।
भारत के लिए यह साझेदारी चिंता का विषय है, लेकिन पाकिस्तान के लिए यह शर्म की बात है। एक देश जिसने दशकों तक आतंक फैलाया, आज खुद ड्रैगन का गुलाम बन चुका है। पाकिस्तान की हालत कर्जदार भिखारी जैसी है और चीन उसका मालिक।
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़