भारत ने अपनी रक्षा क्षमता में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से रविवार को अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 5000 किलोमीटर से ज्यादा है और यह एक साथ कई ठिकानों पर प्रहार करने में सक्षम है।
यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान के भीतर पहले से ही इस मिसाइल को लेकर डर का माहौल था। इस्लामाबाद के स्ट्रैटेजिक विजन इंस्टीट्यूट ने एक दिन पहले ही अपनी सरकार और आर्मी चीफ असीम मुनीर को आगाह किया था कि अगर भारत ने अग्नि-5 का सफल परीक्षण कर लिया तो यह पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती होगी। अब वही डर सच हो गया है और पड़ोसी मुल्क की बेचैनी साफ देखी जा सकती है।
अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे ताकतवर मिसाइलों में गिनी जाती है। यह एमआईआरवी तकनीक से लैस है, जिसका मतलब है कि यह एक साथ कई वॉरहेड ले जा सकती है और अलग-अलग ठिकानों पर वार कर सकती है। यही क्षमता इसे बेहद घातक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हथियार बनाती है।
पिछले साल भारत ने अग्नि-5 के इसी एमआईआरवी संस्करण का पहला परीक्षण किया था। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा था कि इस सफलता ने भारत की सुरक्षा क्षमता को नई ऊंचाई दी है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने पहले ही संकेत दिया है कि इस मिसाइल को और अपग्रेड किया जाएगा। आने वाले समय में इसकी रेंज 7500 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना है। इसका सीधा मतलब यह होगा कि भारत किसी भी कोने से अपने दुश्मनों को जवाब देने में सक्षम होगा।
पाकिस्तान को इस मिसाइल से सबसे ज्यादा डर इसलिए है क्योंकि यह उसकी किसी भी सैन्य या रणनीतिक ठिकाने को आसानी से निशाना बना सकती है। पाकिस्तान का थिंक टैंक पहले ही मान चुका है कि अगर भारत ने इस मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया तो यह इस्लामाबाद के लिए खतरे की घंटी साबित होगा। अब यह बात पूरी तरह सच हो गई है।
अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत की रणनीतिक क्षमता में बड़ा इजाफा है। यह सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि उन देशों के लिए भी संदेश है जो भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश करते हैं। लगातार मजबूत हो रही रक्षा तकनीक ने यह साबित कर दिया है कि भारत किसी भी हाल में अपनी सीमाओं और लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।
भारत की इस सफलता ने एक बार फिर दुनिया को यह दिखा दिया है कि देश न केवल आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक विकसित कर रहा है बल्कि दुश्मनों की किसी भी साजिश का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार भी है।
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़