भारत बनाएगा फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट, सफरान के साथ देश में बनेगा इंजन

23 Aug 2025 22:59:25
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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत ने बड़ा कदम उठाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में वर्ल्ड लीडर्स फोरम को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि भारत अब खुद का फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट बनाने की ओर बढ़ चुका है। इसके साथ ही फ्रांस की कंपनी सफरान के साथ साझेदारी में भारत में ही लड़ाकू विमान के इंजन का उत्पादन शुरू किया जाएगा।
 
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भारत ने उस दिशा में कदम बढ़ा दिया है जिसका सपना लंबे समय से देखा जा रहा था। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत न केवल अपने फाइटर जेट बनाएगा बल्कि उनका इंजन भी देश में ही बनेगा। यह काम फ्रांसीसी कंपनी सफरान के साथ साझेदारी में शुरू होगा।
 
रक्षा मंत्री ने इस मौके पर दुनिया की बड़ी डिफेंस कंपनियों को भारत में निवेश और सहयोग का न्योता भी दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एयरबस और टाटा एयरोस्पेस मिलकर सी295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ केवल भारत तक सीमित नहीं है। जब आप भारत में बनाएंगे तो पूरी दुनिया के लिए बनाएंगे।
 
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने रक्षा पूंजी खरीद बजट का 75 फीसदी हिस्सा भारतीय कंपनियों के लिए सुरक्षित कर दिया है। यानी आने वाले समय में हमारी सेनाओं के लिए बनने वाले ज्यादातर हथियार और उपकरण देश में ही तैयार होंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब सिर्फ आयात कम करना नहीं है। इसका मतलब है कि भारत में ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो जहां हमारी कंपनियां, चाहे सरकारी हों या निजी, विश्वस्तरीय क्षमता विकसित करें और भारत केवल अपनी जरूरतें पूरी न करके पूरी दुनिया को उच्च गुणवत्ता वाले रक्षा उत्पाद निर्यात करने वाला केंद्र बने।
 
उन्होंने हाल की बड़ी उपलब्धियों का भी जिक्र किया। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अब तक 97 तेजस लड़ाकू विमानों का 66 हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर मिल चुका है। इससे पहले उसे 83 विमानों का 48 हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया गया था। उन्होंने कहा कि तेजस विमान भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता का बड़ा उदाहरण है।
 
भारत की यह पहल पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के लिए भी साफ संदेश है कि आने वाले वक्त में भारतीय सेनाएं और भी मजबूत होंगी। स्वदेशी तकनीक और विदेशी कंपनियों के सहयोग से भारत न सिर्फ आत्मनिर्भर होगा बल्कि रक्षा क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने की स्थिति में भी आएगा।
 
साफ है कि फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट और स्वदेशी इंजन निर्माण की ओर उठाया गया यह कदम भारत को वैश्विक रक्षा मानचित्र पर नई ऊंचाई देगा।
 
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़
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