गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें 1 करोड़ का इनामी मोडेम बालकृष्ण समेत 10 नक्सली मारे गए।
एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि पहाड़ी इलाके मटाल में सुबह से सुरक्षाबलों का संयुक्त ऑपरेशन चल रहा था। इसी दौरान नक्सलियों से आमना-सामना हो गया और गोलीबारी शुरू हो गई। एनकाउंटर कई घंटों तक चला।
रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि इस ऑपरेशन में एसटीएफ, कोबरा और राज्य पुलिस की टीमें शामिल थीं। जंगल में अभी भी तलाशी अभियान जारी है। आशंका है कि इलाके में आईईडी लगाए गए हों।
मारे गए नक्सलियों में मोडेम बालकृष्ण भी शामिल है। वह सेंट्रल कमेटी का सदस्य और ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव था। 14 जनवरी को चलपति समेत 16 नक्सलियों के मारे जाने के बाद धमतरी, गरियाबंद और नुआपड़ा डिवीजन कमेटी को विस्तार की जिम्मेदारी उसे दी गई थी।
पुलिस को बालकृष्ण तक पहुंचाने में उसके गार्ड कैलाश की अहम भूमिका रही जिसने 15 दिन पहले सरेंडर किया था। उसी से एजेंसियों को बालकृष्ण की मौजूदगी और कमजोर स्वास्थ्य की जानकारी मिली। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से शुगर की बीमारी से जूझ रहा था और दो लाठियों के सहारे चलता था।
इस साल जनवरी में गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट इलाके में 80 घंटे चले ऑपरेशन में 16 नक्सली ढेर हुए थे। इनमें से 12 नक्सलियों पर 3 करोड़ 16 लाख का इनाम घोषित था। उस मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी का सदस्य चलपति भी मारा गया था।
गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। इसी के बाद से बस्तर और आसपास के इलाकों में ऑपरेशन तेज हुए हैं। मई 2025 में 27 नक्सली मारे गए थे, जिनमें 1.5 करोड़ का इनामी बसवा राजू भी शामिल था।
लगातार हो रही मुठभेड़ों और बड़े नक्सली लीडरों के मारे जाने से संगठन की कमर टूटती दिख रही है। पुलिस का कहना है कि अब नक्सली तेजी से अपनी पकड़ खो रहे हैं और आने वाले समय में इलाके में शांति स्थापित होगी।
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र