आईसीसी ने पाकिस्तान के झूठ की पोल खोली: एशिया कप में रेफरी को लेकर फैलाई गई अफवाहें बेनकाब

18 Sep 2025 14:11:42
Representative Image
 
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने एक बार फिर पाकिस्तान की झूठी अफवाहों को बेनकाब कर दिया है। एशिया कप 2025 के दौरान पाकिस्तान और यूएई के बीच खेले गए मैच से पहले हुए तनावपूर्ण घटनाक्रम में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट पर गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन आईसीसी की स्पष्टता ने इन आरोपों को महज प्रोपेगेंडा तक सीमित कर दिया है। यह घटना न केवल पाकिस्तान की कूटनीतिक और खेल संबंधी विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, बल्कि भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट को राजनीतिक रंग देने की उनकी पुरानी आदत को भी उजागर करती है।
 
पिछले हफ्ते, एशिया कप के ग्रुप ए मैच में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबले के बाद पाकिस्तान ने दावा किया था कि मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने भारतीय टीम के व्यवहार को सही ठहराया, जिसमें भारत ने पोस्ट-मैच हैंडशेक से इनकार कर दिया था।
 
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने तो यहां तक कह दिया था कि पाइक्रॉफ्ट ने माफी मांगी और जांच का आश्वासन दिया, जिसके बाद पाकिस्तान ने यूएई के खिलाफ मैच खेलने का फैसला किया। लेकिन आईसीसी ने अब साफ कर दिया है कि पाइक्रॉफ्ट ने किसी भी तरह की माफी नहीं मांगी, और न ही उन्होंने किसी जांच का आश्वासन दिया।
 
एक बयान में कहा गया, "मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने किसी भी माफी या जांच के बारे में कोई बयान नहीं दिया है। पाकिस्तान की ओर से फैलाई गई ये अफवाहें बेबुनियाद हैं और इनका कोई साक्ष्य नहीं है।" यह बयान न केवल पाकिस्तान के दावों को खारिज करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड राजनीतिक लाभ के लिए क्रिकेट को हथियार बना रहा है। 
 
Representative Image 
 
इस घटना ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट को लेकर चल रहे तनाव को सामने ला दिया है। एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबले के दौरान भारतीय कप्तान सुर्यकुमार यादव ने पोस्ट-मैच हैंडशेक से इनकार किया, जिसे पाकिस्तान ने "असभ्य व्यवहार" करार दिया।
 
हालांकि, भारतीय टीम का कहना था कि यह फैसला सुरक्षा चिंताओं और राजनीतिक तनाव को देखते हुए लिया गया था। पाकिस्तान की ओर से इस मुद्दे को इतना तूल देने के पीछे का मकसद स्पष्ट था: अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को बदनाम करना और खुद को पीड़ित के रूप में पेश करना।
 
लेकिन आईसीसी का बयान पाकिस्तान के इस नाटक को बेनकाब करता है। एशिया कप के दौरान पाकिस्तान ने कई बार राजनीतिक बयानबाजी की, जिसमें भारत पर "असभ्यता" और "खेल भावना के खिलाफ कार्य" का आरोप लगाया गया। लेकिन अब जब आईसीसी ने साफ कर दिया है कि पाइक्रॉफ्ट ने किसी माफी या जांच का आश्वासन नहीं दिया, तो पाकिस्तान की साख एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है।
 
यह घटना पाकिस्तान की उस पुरानी आदत को दर्शाती है, जहां वे क्रिकेट को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं। चाहे वह 1990 के दशक में एशिया कप से हटना हो या फिर 2025 में रेफरी को लेकर झूठी अफवाहें फैलाना, पाकिस्तान का रवैया हमेशा से ही विवादास्पद रहा है।
 
एशिया कप 2025 में, पाकिस्तान ने यूएई के खिलाफ मैच से पहले भी ड्रामा किया, जब उन्होंने मैच को एक घंटे के लिए टाल दिया और Withdrawal की धमकी दी। लेकिन अंत में, जब आईसीसी ने साफ कर दिया कि पाइक्रॉफ्ट ने कोई माफी नहीं मांगी, तो पाकिस्तान को मजबूरी में मैच खेलना पड़ा।
 
इस पूरे प्रकरण से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और उनकी सरकार क्रिकेट को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से नहीं चूकती। Whether it's blaming India for their own failures or spreading false narratives, पाकिस्तान का उद्देश्य हमेशा से ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को सही साबित करना रहा है। लेकिन इस बार, आईसीसी ने उनकी साजिश को बेनकाब कर दिया है, और दुनिया ने एक बार फिर पाकिस्तान की सच्चाई देखी है।
Powered By Sangraha 9.0