बस्तर में एक बार फिर नक्सलियों ने खून की होली खेली है। खूंखार माओवादियों ने सुकमा जिले के केरलापाल इलाके में दो ग्रामीणों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। यह घटना सिरसेटी गांव के नंदापारा की है, जहां माओवादियों ने उन पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नक्सली सोमवार देर रात गांव में घुस आए और पदम पोज्जा और पदम देवेंद्र नाम के दो ग्रामीणों को जबरन अगवा कर लिया। उन्हें गांव से दूर ले जाकर मौत के घाट उतार दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस का एक दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा और मामले की जांच शुरू कर दी है। डीएसपी परमेश्वर ने बताया कि जांच जारी है और जल्द ही इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
यह कोई अकेली घटना नहीं है। नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में माओवादी लगातार निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं। बस्तर पुलिस के अनुसार, साल 2025 में अब तक माओवादी हिंसा में कुल 32 लोगों की जान जा चुकी है। माओवादियों ने खासतौर पर शिक्षा दूतों को निशाना बनाया है, जो गांव में शिक्षा की अलख जगाने का काम कर रहे हैं। अब तक कुल 9 शिक्षा दूतों की हत्या की गई है, जिनमें बीजापुर जिले में 5 और सुकमा में 4 शामिल हैं।
मुखबिरी के शक में हुई कुछ हाल की हत्याएं:
30 अगस्त 2025: बीजापुर में एक शिक्षा दूत को अगवा कर हत्या कर दी गई।
27 अगस्त 2025: सुकमा में नक्सलियों ने एक शिक्षा दूत के घर में घुसकर उसकी हत्या की।
15 अगस्त 2025: नारायणपुर में शिक्षा दूत की हत्या।
15 जुलाई 2025: बीजापुर में दो शिक्षा दूतों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई।
2 जुलाई 2025: बीजापुर के उसूर में नक्सलियों ने एक युवक की हत्या कर दी।
20 फरवरी 2025: दंतेवाड़ा में पुलिस मुखबिरी के आरोप में दो ग्रामीणों की हत्या।
इन घटनाओं से यह साफ है कि नक्सली लोकतंत्र और विकास के खिलाफ हैं। वे उन लोगों को भी नहीं बख्श रहे जो समाज के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं।
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र