छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अभूझमाड़ इलाके में सोमवार सुबह से चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो शीर्ष माओवादियों को मार गिराया। मारे गए दोनों केंद्रीय समिति सदस्य थे जिन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
नारायणपुर पुलिस और आईटीबीपी की संयुक्त टीम ने खुफिया जानकारी पर सीमावर्ती इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सुबह से रुक-रुक कर चली गोलीबारी के बाद जवानों ने दो माओवादी कैडरों के शव बरामद किए। उनकी पहचान राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई है। दोनों तेलंगाना के करीमनगर जिले के निवासी थे और पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे।
सुरक्षा बलों को मौके से एके-47 राइफल, इंसास राइफल, बीजीएल लॉन्चर, भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य और दैनिक उपयोग की सामग्री भी मिली है। पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने बताया कि ये दोनों माओवादी कई बड़ी घटनाओं के मास्टरमाइंड थे जिनमें दर्जनों जवान शहीद हुए और निर्दोष ग्रामीणों की जानें गईं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने पुष्टि की कि मुठभेड़ बेहद चुनौतीपूर्ण इलाके में हुई लेकिन जवानों ने साहस दिखाकर बड़ी सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि यह माओवादी संगठन के लिए करारा झटका है और अब उनका आंदोलन पूरी तरह कमजोर पड़ चुका है।
आईजी ने माओवादी कैडरों से अपील की कि वे यह समझें कि हिंसा का रास्ता अब उनके अंत की ओर है। उन्होंने कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर ही वे सुरक्षित जीवन पा सकते हैं।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि हाल की लगातार सफल कार्रवाइयों ने माओवादी संगठन की रीढ़ तोड़ दी है। ग्रामीणों में भी सुरक्षा बलों के प्रति भरोसा बढ़ा है और धीरे-धीरे जंगलों से माओवादी प्रभाव खत्म होता जा रहा है।
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र