छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खतरनाक मंसूबों पर करारा प्रहार किया। मेट्टागुड़ा कैंप क्षेत्र में 26 सितंबर को सुरक्षाबलों ने अभियान चलाकर नक्सलियों की हथियार और विस्फोटक बनाने वाली फैक्ट्री को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में हथियार बनाने के उपकरण और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई।
अधिकारियों ने बताया कि नक्सली इस फैक्ट्री के जरिए सुरक्षाबलों को बड़ा नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे थे। लेकिन जिला बल सुकमा और कोबरा 203 वाहिनी की संयुक्त टीम ने समय रहते इस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को नष्ट कर दिया। बरामद सामग्री में 2 बीजीएल लांचर, 94 बीजीएल हेड्स, 12 बीजीएल शेल, 3 बेंच वाइस, वर्टिकल मिलिंग मशीन, गैस कटर, ग्राइंडर मशीन, डायरेक्शनल आईईडी पाइप्स और बड़ी मात्रा में आयरन स्क्रैप शामिल है। साथ ही लकड़ी के राइफल बट, भरमार ट्रिगर मैकेनिज्म, सोलर बैटरी और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह कार्रवाई नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे उन्मूलन अभियान का हिस्सा है। लगातार दबाव और सर्चिंग से नक्सल संगठन को बड़ी चोट पहुंच रही है। सुरक्षाबलों की सख्त घेराबंदी के कारण अब नक्सली अपने नेटवर्क और हथियारों के जखीरे को सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि नक्सलियों द्वारा जंगलों में फैक्ट्रियां बनाकर हथियार तैयार करना इस बात का प्रमाण है कि उनकी हिंसक सोच अब भी जारी है। लेकिन सुरक्षाबलों के लगातार अभियानों ने उनके इरादों को कमजोर किया है।
बस्तर आईजी और वरिष्ठ अधिकारियों ने इस सफलता को सुरक्षाबलों के साहस और सतर्कता का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि नक्सली आंदोलन अब अंतिम दौर में है और संगठन की बची-खुची ताकत भी जल्द ही खत्म कर दी जाएगी।
यह कार्रवाई साबित करती है कि नक्सलियों के हिंसक एजेंडे को भारत की लोकतांत्रिक ताकतें कभी सफल नहीं होने देंगी।
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र