आज कांकेर के छिंदखड़क जंगल में डीआरजी और बीएसएफ के जवानों ने मुठभेड़ में 14 लाख रुपये के इनामी तीन माओवादियों को मार गिराया।
कांकेर के छिंदखड़क जंगल में आज डीआरजी बीएसएफ ने मुठभेड़ में 14 लाख के तीन इनामी माओवादियों को ढेर कर दिया और हथियार बरामद किए।
कांकेर पुलिस को यह एक बड़ी सफलता मिली है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आई.के. एलिसेला ने बताया कि 28 सितंबर 2025 को कांकेर/गरियाबंद डीआरजी और बीएसएफ के जवानों की संयुक्त टीम ने कांकेर थाना क्षेत्र के जंगलों में सर्चिंग अभियान शुरू किया। इसी दौरान ग्राम छिंदखड़क के पहाड़ी क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई।
मुठभेड़ खत्म होने के बाद घटनास्थल की सघन तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान दो पुरुष और एक महिला माओवादी का शव बरामद हुआ। इसके अलावा, एक एसएलआर (SLR) राइफल, एक .303 राइफल, एक 12 बोर की बंदूक और बड़ी मात्रा में अन्य नक्सल सामग्री भी बरामद की गई है।
मारे गए माओवादियों की पहचान प्रथम दृष्टया कर ली गई है, जिन पर कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उनकी पहचान इस प्रकार है:
1. सरवन मडकम उर्फ विश्वनाथ उर्फ बुधराम पुनेम: एसीएम, सीतानदी/रावस समन्वय एरिया कमेटी सचिव (8 लाख रुपये का इनामी)।
2. राजेश उर्फ राकेश हेमला: एसीएम, नगरी एरिया कमेटी/गोबरा एलओएस कमांडर (5 लाख रुपये का इनामी)।
3. बसंती कुंजाम उर्फ हिडमें: पीएम, समन्वय/प्रोटेक्शन टीम मैनपुर नुआपाड़ा सदस्य (1 लाख रुपये की इनामी)।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पी. ने इस सफल कार्रवाई के लिए जवानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों और कठिन मौसम के बावजूद, सुरक्षा बल बस्तरवासियों की आकांक्षाओं के अनुरूप जनजीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं।
आईजी ने माओवादी कैडरों से एक बार फिर अपील की कि वे इस सच्चाई को स्वीकार करें कि माओवाद अब समाप्ति के कगार पर है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और मुख्यधारा से जुड़ जाएं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे अवैध और हिंसक गतिविधियाँ जारी रखते हैं, तो उन्हें कठोर परिणाम भुगतने होंगे।
यह संयुक्त कार्रवाई कांकेर, गरियाबंद डीआरजी, और बीएसएफ के सहयोग से की गई, जिसमें पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कांकेर सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन शामिल रहा।
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र