नक्सलियों का गढ़ एडजूम बना सुरक्षाबलों का ठिकाना, अबूझमाड़ में खुला 16वां पुलिस कैंप

नक्सलियों के गढ़ रहे एडजूम में सुरक्षाबलों का नया कैंप, ग्रामीणों को मिला विकास और सुरक्षा का भरोसा।

The Narrative World    04-Sep-2025
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नारायणपुर पुलिस और आईटीबीपी ने नक्सलियों के शीर्ष नेताओं के आश्रय स्थल रहे एडजूम गांव में नया सुरक्षा और जन सुविधा कैंप स्थापित कर दिया है। यह कैंप न केवल सुरक्षाबलों की मौजूदगी को और मजबूत करेगा बल्कि ग्रामीणों के लिए विकास और सुरक्षा की नई उम्मीद भी लेकर आया है।
 
एडजूम में कैंप खुलने के बाद ग्रामीणों ने नक्सलियों द्वारा मारे गए साथियों को याद कर माओवाद की यातनाओं को साझा किया। लोगों ने कहा कि अब उन्हें नक्सलवाद के डर से मुक्त होकर जीने का अवसर मिलेगा। ग्रामीणों ने बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग की, जिस पर अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही इन सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही "नियद नेल्लानार" योजना के तहत जन समस्या निवारण शिविर भी आयोजित होगा।
 
यह नया कैंप नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में पिछले एक साल में खोला गया 16वां सुरक्षा और जन सुविधा कैंप है। इसे पुलिस डीआरजी, बस्तर फाइटर और आईटीबीपी की 38वीं, 40वीं और 29वीं वाहिनी की संयुक्त कार्रवाई में स्थापित किया गया। भारी बारिश और दुर्गम इलाके की चुनौतियों के बावजूद सुरक्षाबलों ने यह अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया।
 
सुरक्षा बलों का कहना है कि नए कैंप की स्थापना से क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, मोबाइल नेटवर्क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के विस्तार में तेजी आएगी। इसके अलावा, नक्सली हिंसा से त्रस्त ग्रामीणों को सुरक्षा का माहौल मिलेगा और विकास कार्यों को सुरक्षित तरीके से पूरा किया जा सकेगा।
 
पिछले एक साल में अबूझमाड़ में तेजी से हो रहे विकास और लगातार पुलिस कैंप खुलने के कारण नक्सली विचारधारा कमजोर पड़ी है। नतीजतन, 164 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। सुरक्षाबलों ने इसी अवधि में 96 नक्सलियों को मार गिराया और 71 को गिरफ्तार किया है।
 
कैंप के उद्घाटन के मौके पर पुलिस अधीक्षक नारायणपुर रॉबिनसन गुड़िया ने ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और जल्द समाधान का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने भी पुलिस की इस पहल का स्वागत किया और कहा कि अब वे नक्सलियों के डर से मुक्त होकर चैन की जिंदगी जी सकेंगे।
एडजूम में नए कैंप की स्थापना माओवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूती देने वाला कदम साबित हो रहा है। सुरक्षाबलों का मानना है कि इस तरह के लगातार प्रयासों से जल्द ही अबूझमाड़ को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाया जा सकेगा।
 
रिपोर्ट
शोमेन चंद्र