कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और गुजरात में कन्वर्जन से जुड़े विवाद बढ़े। युवाओं और जनजाति परिवारों को लालच, धोखे और दबाव से धर्म बदलवाने के आरोप में कई गिरफ्तारियां हुईं।
देश के कई राज्यों में कन्वर्जन से जुड़े विवाद फिर से सामने आए हैं। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और गुजरात में हाल के दिनों में हुए मामलों ने एक बार फिर धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर हो रहे दुरुपयोग को उजागर किया है।
बेंगलुरु में एक हिन्दू युवती ने अपने बॉयफ्रेंड मोहम्मद इशाक बिन अब्दुल रसूल पर जबरन कन्वर्जन का आरोप लगाया। युवती ने पुलिस को बताया कि इशाक ने पहले शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी का झांसा देकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया। शिकायत के मुताबिक, जब युवती ने शादी की बात की, तो आरोपी ने धमकी दी कि “अगर मेरे घर आई तो जान से मार दूंगा।”
परिवार के डर और धमकियों से परेशान होकर युवती ने आत्महत्या की कोशिश भी की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
इस मामले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में “हलाल सर्टिफाइड” उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। योगी ने कहा कि ऐसे उत्पादों के जरिए समाज में अलगाव फैलाने और कन्वर्जन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी कहा कि नाबालिगों के साथ अपराध और जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में कठोर सजा दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पुलिस ने एक पादरी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों पर गरीब और पिछड़े हिंदू परिवारों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन देने का आरोप है।
बरादरी थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि शिकायतकर्ताओं ऋषभ ठाकुर और निर्दोष राठौर ने खुलासा किया कि आरोपी सुपर सिटी इलाके में किराए के घर में “प्रार्थना सभा” के नाम पर कन्वर्जन की साजिश चला रहे थे। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि इस नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं।
गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में भी कन्वर्जन का मामला सामने आया। खंभालिया थाना क्षेत्र के शाक्तिनगर इलाके में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने जनजाति परिवारों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए लालच दिया था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी श्रमिकों को बच्चों की पढ़ाई, नौकरी और उपहार जैसे वादों से लुभा रहे थे। जांच के दौरान पुलिस ने मौके से 27 लोगों को हिरासत में लिया और मामला Freedom of Religion Act, 2003 के तहत दर्ज किया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि धर्म परिवर्तन अपने आप में अपराध नहीं है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति लालच, धोखे या दबाव से कन्वर्जन करवाता है तो यह कानून के तहत गंभीर अपराध है।
देशभर में बढ़ते इन मामलों से यह स्पष्ट है कि कुछ संगठन और व्यक्ति गरीबों, महिलाओं और जनजातीय परिवारों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन की साजिश रच रहे हैं। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज की एकता के लिए भी बड़ा खतरा है।
कानून व्यवस्था बनाए रखने और धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है, ताकि किसी को भी कन्वर्जन के नाम पर लोगों के विश्वास से खिलवाड़ करने की हिम्मत न हो।
रिपोर्ट
मोक्षी जैन
उपसंपादक, द नैरेटिव