कांग्रेस की राजनीति में हिंदू आस्था दोबारा निशाना बनी

04 Dec 2025 16:54:08
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तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक सार्वजनिक सभा में हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया। BJP और BRS नेताओं ने इस बयान को अपमानजनक बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई।
 
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सभा में कहा कि हिंदू कितने भगवानों में विश्वास करते हैं। उन्होंने तीन करोड़ देवी-देवताओं का सवाल उठाया और फिर कई समूहों के देवी-देवताओं पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कुंवारे लोगों के लिए एक भगवान हैं और दो बार शादी करने वालों के लिए एक और। शराब पीने वालों के लिए भी एक अलग भगवान हैं। उन्होंने मुर्गी की बलि और दाल-चावल से जुड़े देवी-देवताओं पर भी टिप्पणी की। इस भाषण ने लोगों को चौंका दिया और कई हिंदू संगठनों ने इसे अस्वीकार्य बताया।
 
BJP नेता और केन्द्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार ने रेवंत रेड्डी पर सीधा हमला किया। उन्होंने X पर लिखा कि वे मुख्यमंत्री के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से AIMIM के सामने झुकती आई है और रेवंत रेड्डी का यह बयान उस मानसिकता को उजागर करता है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि रेवंत रेड्डी पहले भी कह चुके हैं कि कांग्रेस मुस्लिम पार्टी है। संजय कुमार ने इस टिप्पणी को कांग्रेस की हिंदू विरोधी सोच का उदाहरण बताया। 

 
BRS नेता राकेश रेड्डी ने भी रेवंत रेड्डी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करना अब एक फैशन बन गया है। उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री ने स्कूल और कॉलेज में ठीक से नहीं सीखा या वे जानबूझकर कुछ लोगों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी को जनता के सामने इसका जवाब देना चाहिए।
 
जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए अजहरुद्दीन को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में भेजा और फिर मंत्री बनाया। BJP ने इस कदम का विरोध किया और आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया। अब रेवंत रेड्डी के बयान के बाद लोग उस पुराने बयान को फिर याद कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस मुस्लिम है और मुस्लिम ही कांग्रेस है।
 
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लेख का मूल प्रश्न यही है कि एक मुख्यमंत्री हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कैसे कर सकता है। वह अपनी पार्टी को किसी भी वर्ग की पार्टी बताए यह उसका अधिकार है, लेकिन करोड़ों हिंदुओं की आस्था का अपमान कोई नहीं कर सकता। यह सवाल भी सामने आता है कि कांग्रेस के नेता ऐसा क्यों करते हैं। क्या वे गैर-हिंदू वोट बैंक को खुश करने की कोशिश करते हैं या फिर वे हिंदू धर्म के विशाल और सहिष्णु स्वरूप को समझना ही नहीं चाहते।
 
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कांग्रेस का इतिहास भी इन सवालों को मजबूत करता है। यह तथ्य सब जानते हैं कि जब सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन हुआ तो प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को वहां जाने से रोका। नेहरू खुद भी उस कार्यक्रम में नहीं गए थे।
 
रेवंत रेड्डी की टिप्पणी ने एक बार फिर कांग्रेस की सोच और उसके व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
 
लेख
शोमेन चंद्र
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