एयर इंडिया हादसे में पायलटों को दोषी बताकर सच्चाई से भटका रहे विदेशी मीडिया

13 Jul 2025 08:15:13
Representative Image
 
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे का शिकार हो गई थी। इस भयानक दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से 19 लोग जमीन पर थे। हादसे की जांच कर रही भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने इस पर अपनी शुरुआती रिपोर्ट जारी की है। लेकिन इसके आते ही कुछ विदेशी मीडिया संस्थानों ने इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया है और इसका सारा दोष पायलटों पर डालने की कोशिश की है।
 
हादसे की तकनीकी वजहें सामने आईं
 
AAIB की रिपोर्ट बताती है कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही दोनों इंजनों ने काम करना बंद कर दिया। विमान ने 180 नॉट की रफ्तार पकड़ी ही थी कि दोनों इंजन के फ्यूल कटऑफ स्विच "RUN" से "CUTOFF" में बदल गए। इससे इंजन तक ईंधन की आपूर्ति रुक गई और प्लेन नीचे गिर गया।
 
रिपोर्ट के अनुसार टेकऑफ के बाद रैम एयर टर्बाइन (RAT) अपने आप एक्टिव हो गई, जो यह दिखाता है कि विमान में पूरी तरह बिजली और इंजन की शक्ति खत्म हो चुकी थी। जांच में यह भी साफ किया गया कि इस हादसे में किसी पक्षी के टकराने की कोई भूमिका नहीं रही।
 
पायलटों को दोषी बताने की जल्दबाज़ी
 
Representative Image
 
MUST READ: क्या भारत में जिहादियों द्वारा हिंदू दर्ज़ी कन्हैयालाल की हत्या पर बनी फिल्म भी नहीं दिखाई जा सकती?
 
रिपोर्ट अभी पूरी नहीं हुई है। यह सिर्फ शुरुआती जानकारियों पर आधारित है, लेकिन रॉयटर्स, बीबीसी और डेली मेल जैसे विदेशी मीडिया संस्थानों ने पायलट की गलती को मुख्य वजह बना दिया है। इन रिपोर्ट्स में यह दिखाने की कोशिश की गई कि फ्यूल स्विच खुद पायलट ने बंद किए थे।
 
बीबीसी ने दावा किया कि टेकऑफ के दौरान कोपायलट ने पायलट से पूछा कि ईंधन क्यों बंद कर दिया। जबकि रिपोर्ट में साफ लिखा है कि दोनों पायलटों ने फ्यूल स्विच बंद करने की बात से इनकार किया है।
 
डेली मेल ने भी इसी तरह की बात दोहराई और कोपायलट की आवाज रिकॉर्डिंग में भ्रम की स्थिति बताई। रिपोर्ट में एक पायलट दूसरे से पूछता है, "तुमने क्यों बंद किया?" और जवाब आता है, "मैंने नहीं किया।" इसके बाद पायलट ने दोनों स्विच वापस "RUN" पर कर दिए। इंजन 1 ने थोड़ी देर के लिए काम करना शुरू किया लेकिन इंजन 2 में दिक्कत बनी रही।
 
FAA की चेतावनी को नजरअंदाज़ किया गया
 
एक बेहद अहम बात विदेशी मीडिया ने पूरी तरह नजरअंदाज़ कर दी है। रिपोर्ट में अमेरिकी एविएशन संस्था FAA की उस चेतावनी का जिक्र है, जिसमें बोइंग विमानों में फ्यूल लॉक समस्या की बात कही गई है। यह तकनीकी खामी दुर्घटना का संभावित कारण हो सकती है। लेकिन इसके बजाय इन मीडिया संस्थानों ने पूरे हादसे का दोष पायलटों पर डालने में रुचि दिखाई।
 
MUST READ: एयर इंडिया विमान क्रैश: जाँच रिपोर्ट में आई हादसे के पीछे की चौंकाने वाली कहानी
 
बोइंग को बचाने की कोशिश?
 
Representative Image 
 
बोइंग पहले से ही खराब विमानों के चलते सवालों के घेरे में है। ऐसे में इन विदेशी रिपोर्टों को देखकर यह शक गहराता है कि क्या पायलटों को दोषी ठहराकर बोइंग को बचाने की कोशिश हो रही है।
 
AAIB ने साफ किया है कि जांच अभी जारी है और यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि गलती किसकी थी। ऐसे में मरे हुए पायलटों को दोषी बताना सिर्फ अनुचित ही नहीं, बल्कि अपमानजनक भी है।
 
सही रिपोर्टिंग की जरूरत
 
जांच के इस अहम मोड़ पर मीडिया की जिम्मेदारी है कि वह सही जानकारी दे, न कि किसी कंपनी को बचाने के लिए सच्चाई से मुंह मोड़े। जब तक अंतिम निष्कर्ष नहीं आ जाते, तब तक किसी को दोषी ठहराना न केवल असंवेदनशील है, बल्कि सच्चाई से भी खिलवाड़ है।
 
लेख
शोमेन चंद्र
तिल्दा, छत्तीसगढ़
Powered By Sangraha 9.0